हमारा उद्देश्य

   चल हंसा सतलोक छोड़ो ये संसारा, यह संसार काल है राजा, यहाँ कर्म का जाल पसारा।    


साहिब बंदगी आध्यात्मिक संस्था की स्थापना का एकमात्र उद्देश्य है - मानव जाति को सत्य भक्ति के मार्ग पर ले जाना। यह मार्ग संतमत के सच्चे ज्ञान पर आधारित मोक्ष की पराकाष्ठा है जो कि पहले संत - कबीर साहिब द्वारा प्रचारित किया गया था। यह मार्ग आत्मा, जो कि परमपुरुष का अंश है, को जन्म और मृत्यु के अंतहीन चक्र से मुक्त करेगा और आत्मा फिर अपने वास्तविक मूल - अमरलोक पहुंच जाएगी। हमारा उद्देश्य मानव जाति के बीच सरगुण एवं निर्गुण भक्ति (मूर्ति पूजा और निराकार ईश्वर की उपासना जो सभी निरंजन या मन या मृत्यु के भगवन की रचना है) के ऊपर सत्य भक्ति के विषय में जागरूकता पैदा करना। हर व्यक्ति, जो संत सतगुरु मधु परमहंस साहिबजी के पंथ यानी 'सत्य भक्ति' (संतमत / सतगुरु भक्ति) से जुड़ना चाहता है, को "सात नियम" अपनाने के लिए कहा जाता है ।

सात नियम

साहिबजी अपने भक्तों से निम्न 'सात नियमों' को अपनाने को कहते हैं:

१। सच बोलना
२। मॉस न खाना
३। नशा न करना
४। जुआ न खेलना
५। चोरी न करना और न ही चोरी का सामान खरीदन
६। परस्त्री गमन न करना
७। हक़ की कमाई खाना

   काग पलट हंसा कर दीना । ऐसा नाम पुरुष मैं दीना ।    

(मैं आत्मा को संजीवन नाम देता हूं जो कि स्वयं परमपुरुष नें दिया है । यह नाम एक कौवा को हंस में बदलने की शक्ति रखता है)